Kargil Vijay Diwas: नवाज शरीफ ने पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को बताया कि जब अटलजी की एक फोन कॉल से वे थक गए थे

48

Kargil Vijay Diwas 2023:

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, जिन्होंने निर्वासित रहते हुए अपनी ऑफिशियल जीवनी गद्दार की? नवाज शरीफ ने अपनी जुबानी पुस्तक में कारगिल युद्ध की एक कहानी बताई है। इसमें उन्होंने दावा किया कि जनरल परवेज मुशर्रफ ने उनकी अनुमति के बिना भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध शुरू किया था और उन्हें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस क्रूरता की जानकारी दी थी।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवजा शरीफ की बायोग्राफी, “गद्दार कौन?” अटलजी ने फोन किया था। में कारगिल युद्ध की यह कहानी बताई गई है
मई 1999 को अटलजी को कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ का पता चला।

दिल्ली, वेब डेस्क। 1999 में कार्गील युद्ध:

26 जुलाई, 1999 को हर भारतीय याद करेगा। इस दिन, कारगिल की लड़ाई में भारतीय सेना ने अपने साहस और शौर्य का परिचय दिया और पाकिस्तान को हराया। आज हम आपको कारगिल युद्ध की कहानी बताते हैं, जो 24 साल पहले हुआ था. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवजा शरीफ को अचानक फोन किया था।

बात फरवरी 1999 की है, जब भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान का दौरा किया था। अभिनेता देवानंद, कपिल देव और जावेद अख्तर भी उनके साथ गए थे।

वाजपेयी ने बस में बैठकर वाघा बॉर्डर पार करके लाहौर पहुंचे, जहां उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को विनम्रतापूर्वक गले लगाया। लेकिन वाजपेयी को चार महीने बाद पता चला कि इसके पीछे पाकिस्तान ने क्या किया था।

जब नवाज शरीफ वाजपेयी के साथ दुनिया के सामने शांति का आह्वान कर रहे थे, तो पाकिस्तानी सेना जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्जा कर चुकी थी। पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत को बताया कि वजीर-ए-आजम नवाज शरीफ को कारिगल में हुआ सब कुछ पता था। शरीफ ने आरोप लगाया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

नवाज शरीफ की आधिकारिक आत्मकथा में कारगिल युद्ध का उल्लेख, “गद्दार कौन?” पुस्तक ‘नवाज शरीफ की कहानी, उनकी जुबानी’ में नवाज शरीफ ने बताया कि कारगिल युद्ध के दौरान वाजपेयी ने उनसे फोन किया था, जिससे पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम खुद थर्रा गए थे। नवाज शरीफ के निजी और राजनीतिक जीवन पर आधारित 500 पन्नों की पुस्तक वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार सुहैल वाराइच ने लिखी है। इस लेख में पूर्व प्रधानमंत्री ने पहली बार अपने बचपन, राजनीतिक करियर और कारगिल के बारे में बहुत कुछ बताया है।

क्या हुआ, साहब? अटलजी ने पड़ोसी देश में फोन कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ की जानकारी प्राप्त की। उन्हें गुस्सा आया और नवाज शरीफ को फोन किया, “नवाज साहेब, ये आपने क्या किया? हमने बहुत अच्छी तरह से बातचीत की, लेकिन मेरे वापस आते ही आपकी सेना ने हमें निशाना बनाया।नवाज ने अटल को बताया कि वह इस बारे में कुछ नहीं जानता था। सुहैल वाराइच द्वारा लिखी किताब के अनुसार, शरीफ ने कहा कि उस समय के आर्मी चीफ रहे परवेज मुशर्रफ ने उनकी मंजूरी के बिना भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध शुरू किया था, और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें इस क्रूरता के बारे में बताया था।

कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी नेता को तेजी से आगे बढ़ते देख, अटलजी ने कहा, “नवाज साब, पीठ में छुरा घोंपा है।” फोन पर बातचीत के दौरान अटलजी ने कहा, “नवाज साब, फरवरी 1999 में लाहौर में इक्कीस तोपों की सलामी दिए जाने के बाद उनकी पीठ में छुरा घोंपा गया।”

पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने मुजाहिदीनों के पक्ष में कारगिल में सेना भेज दी थी। 26 और 29 मई को मुशर्रफ और लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद अजीज खान, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ, के बीच की बातचीत लीक होने के बाद वाजपेयी ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को एक पत्र भेजा।

इस चिट्टी के बाद दबाव बढ़ा, जिससे पाकिस्तानी सेना पीछे हटने लगी। भारत ने एक पत्र में अमेरिका को धमकी दी कि अगर पाकिस्तान अपनी सेना को वापस नहीं बुलाता तो भारत को भी काउंटर अटैक करना पड़ेगा।

शरीफ ने तुरंत क्लिंटन से संपर्क किया।

कारगिल युद्ध के दौरान शरीफ ने क्लिंटन से कहा कि वह उनसे मिलना चाहते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति उनका वाशिंगटन में स्वागत करेंगे। क्लिंटन ने तीन घंटे की बैठक के दौरान वाजपेयी को फोन किया। क्लिंटन ने वाजपेयी को बताया कि पाकिस्तान कारगिल में युद्धविराम करने को तैयार है अगर भारत कश्मीर मुद्दे पर समझौता करता है।

तब वाजपेयी ने कहा कि वह अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान शरीफ से कहा था कि वह 1999 में कश्मीर को हल करना चाहते थे, लेकिन कारगिल में हमले से पहले। क्लिंटन की मध्यस्थता के बाद, कारगिल युद्ध 74 दिन तक चला।

संसद में अपने भाषण के दौरान अटलजी ने कारगिल युद्ध को कविता में उल्लेख किया, जिसकी एक पंक्ति इस प्रकार थी..।

26 जुलाई को क्या हुआ था, जो अक्सर पूछा जाता है?

26 जुलाई भारत में कारगिल विजय दिवस है। इस दिन भारतीय सैनिकों का बलिदान और शौर्य स्मरण किया जाता है।

हम कारगिल जा सकते हैं क्या?

यह सच है कि आप कारिगल घूम सकते हैं। इस पर्यटन स्थल को जनता के लिए मार्च से अक्टूबर तक खुला रखा जाएगा। वहीं, भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों में इसे बंद कर दिया जाता है।

1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में किसकी जीत हुई?

भारत ने युद्ध जीता। भारतीय सेना ने पूरी तरह से पाकिस्तानी सेना को बाहर निकाल दिया था।

Previous articleBirth Anniversary of Mukesh: नील नितिन मुकेश को नरेंद्र मोदी ने ‘सुरों का उस्ताद’ बताया, फिर क्या हुआ?
Next articleMonsoon Session 2023: विपक्ष आज सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएगा, इससे फिर संसद में हिंसा होगी।
Ashok Kumar Gupta
KnowledgeAdda.Org On this website, we share all the information related to Blogging, SEO, Internet,Affiliate Program, Make Money Online and Technology with you, here you will get the solutions of all the Problems related to internet and technology to get the information of our new post Or Any Query About any Product just Comment At Below .