छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम में मानवीय उपभोग के लिए अनुप्रयुक्त मदिरा का व्यवसाय करने के लिए क्या दण्ड है? समझाइए | What penalty has been prescribed the C.G. Excise Duty Act or engaging in the business of liquor unfit the human consumption

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अर्थदण्ड तथा सजाएँ Penalties and Prosecutions

यदि कोई व्यक्ति अथवा अधिकारी आबकारी अधिनियम के अंतर्गत दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उस पर अर्थदण्ड लगाया जाता है तथा सजा भी दी जाती है। इस अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न अपराधों के लिए जो सजा तथा अर्थदण्ड की व्यवस्था की गई है उसका विवरण निम्न प्रकार है

1. मादक पदार्थों के सम्बन्ध में अवैध कार्य करने पर (धारा-34)- यदि कोई व्यक्ति इस अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए नियमों प्रावधानों या लाइसेंस, परमिट या पास की शर्तों का उल्लंघन करता है तो वह अपराधी माना जाएगा तथा उसके निम्न कार्य दण्डनीय माने जायेंगे

(1) मादक पदार्थों का विक्रय

(2) ताड़ी के वृक्षों से ताड़ी खींचना

(3) किसी भी मादक पदार्थ का आयात निर्यात, परिवहन, निर्माण, संग्रह अथवा आधिपत्य

(4) भांग के पौधे की कृषि

(5) मदिरा को बोतलों में भरने का व्यवसाय करना।

(6) किसी आसवनी या भवन निर्माणशाला का निर्माण करना तथा परिचालन ।

(7) किसी आसवनी महानिर्माणशाला या भण्डारगृह से मादक पदार्थों को हटाना या निकालना।

(8) मादक द्रव्यों के निर्माण में उपयोग होने वाले पात्रों एवं उपकरणों को अपने पास रखना आदि। उपर्युक्त अपराधों के लिए निम्नलिखित सजा व अर्थदण्ड दिया जाएगा

(1) प्रत्येक ऐसे अपराध के लिए न्यूनतम ₹5000 तथा अधिकतम ₹25,000 तक अर्थदण्ड लगाया जाएगा। यदि यह अपराध पुनः दोहराया जाता है तो न्यूनतम ₹5,000 एवं अधिकतम ₹2,00,000 तक अर्थदण्ड लगाया जाएगा।

(2) ऐसे प्रत्येक अपराध के लिए 1 वर्ष तक कारावास की सजा दी जा सकती है तथा अपराध दोहराने पर न्यूनतम 6 माह व अधिकतम 60 माह का कारावास हो सकता है। अपराधी को अर्थदण्ड व सजा दोनों भी दी जा सकती है।

2. विकृत स्पिरिट को परिवर्तित करने का प्रयत्न- छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम की धारा 35 के अन्तर्गत निम्न कार्य दण्डनीय माने जाते है।-

(i) किसी विकृत स्पिरिट को या इससे निर्मित द्रव्य को इस ढंग से परिवर्तित करना कि ऐसी स्पिरिट का पेय पदार्थ के रूप में या औषधि के रूप में या अन्य किसी मानवीय उपभोग में प्रयोग किया

(ii) विकृत स्पिरिट को पेय पदार्थ के साथ मिलाना। उपर्युक्त अपराधों के लिए न्यूनतम ₹1,000 व अधिकतम ₹4,000 तक अर्थदण्ड लगाया जा सकता है। यदि यही अपराध पुनः किया जाये तो न्यूनतम ₹1,500 तथा अधिकतम ₹6,000 तक अर्थदण्ड लगाया जा सकता है।साथ ही इन अपराधों के लिए न्यूनतम एक माह व अधिकतम 2 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति यही अपराध पुनः करे, तो ऐसे अपराध के लिए न्यूनतम छः माह व अधिकतम छः वर्ष तक की सजा हो सकती है।

 

3. मादक पदार्थों का अवैध कब्जा- इस अधिनियम की धारा 36 के अंतर्गत निम्न कार्य दण्डनीय हैं

(1) किसी भी मादक पदार्थ जिस पर शुल्क नहीं दिया गया हो, गैर कानूनी ढंग से अपने कब्जे में रखना।

(2) मादक पदार्थों का गैर-कानूनी ढंग से आयात निर्यात व परिवहन, संग्रहण या निर्माण करना ।। इस दण्डनीय कार्य के लिए ₹1,000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है या 6 माह का कारावास हो सकता है या दोनों दण्ड एक साथ भी दिए जा सकते हैं।

4. गैर-कानूनी मद्यपान गृह का संचालन- यदि कोई भी व्यक्ति इस अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए नियमों, जारी की गयी अधिसूचनाओं या इस अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए लाइसेंस, परमिट या पास में दी गई शर्तों का उल्लंघन करते हुए निम्नलिखित कार्य करता है तो वह इस धारा के अंतर्गत अपराधी माना जाता है

(1) किसी स्थान को सार्वजनिक मद्यपान गृह के रूप में खोलना, चलाना रखना या उपयोग करना।

(2) ऐसे सार्वजनिक मद्यपान गृह की देख-रेख प्रबंध एवं नियंत्रण व संचालन करना। उपरोक्त अपराधों के लिए न्यूनतम ₹200 तथा अधिकतम ₹2,000 तक अर्थदण्ड लगाया जा सकता है या एक वर्ष तक का कारावास दिया जा सकता है।

5. मदहोश पाए जाने पर दण्ड- यदि कोई व्यक्ति इस अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए नियमों, अधिसूचनाओं में दी गई शर्तों के उल्लंघन में किसी सामान्य मद्यपान ग्रह में मदहोश पाया जाएगा या मदिरा पान करते हुए पाया जाएगा या मंदिरापान के प्रयोजन से वहाँ उपस्थित पाया जायेगा तो वह दण्डनीय अपराध होगा। अतः इस दण्डनीय कार्य के लिए ₹1,000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

6. दण्डनीय अपराध हेतु किसी स्थान के उपयोग की अनुमति देने पर दण्ड- यदि कोई व्यक्ति किसी स्थान का स्वामी, अधिभोगी, प्रबंधक या नियंत्रणकर्ता है और जानबूझकर उस स्थान का उपयोग किसी दण्डनीय अपराध के लिए करने की अनुमति देगा तो वह इस अधिनियम के अंतर्गत न्यूनतम ₹200 तथा अधिकतम ₹2,000 तक अर्थदण्ड पाने का भागी होगा या इस अपराध के लिए उसे एक वर्ष का कारावास या दोनों का आदेश दिया जा सकता है।

7. ऐसे अपराध जिनके लिए कोई प्रावधान न हो- यदि कोई व्यक्ति इस अधिनियम के अन्तर्गत किसी नियम, अधिसूचना या आदेश का उल्लंघन करने या शर्तों को भंग करने के लिए दोषी पाया जाता है एवं ऐसे अपराध के लिए यदि इस अधिनियम में दण्ड की कोई विशिष्ट व्यवस्था नहीं है तो ऐसे व्यक्ति पर इस धारा के अन्तर्गत दण्ड लगाया जा सकता है। इस अपराध के लिए उस पर ₹1,000 तक अर्थदण्ड लगाया जा सकता है, या इस अपराध हेतु छः माह तक का कारावास हो सकता है, या दोनों का आदेश दिया जा सकता है।

8. लाइसेन्सधारी विक्रेता के गैर-कानूनी कार्य- यदि लाइसेन्सधारी विक्रेता या उसकी ओर से नियुक्त कोई कर्मचारी

(i) धारा 23 के प्रावधानों के विपरीत किसी व्यक्ति को मादक पदार्थों का विक्रय करता हो,

(ii) अपने परिसर में नाचने, गाने, संगीत बजाने, जुआ खेलने व मदहोश होने की अनुमति प्रदान करता हो,

(iii) किसी मदहोश व्यक्ति को कोई मादक पदार्थ बेचता हो,

(iv) 21 वर्ष से कम उम्र के पुरुष को या किसी महिला को अपने परिसर में काम पर रखता हो, इन अपराधों के लिए कम से कम ₹100 व अधिकतम ₹2,000 तक अर्थदण्ड लगाया जा सकता है।

9. मिलावट के लिए दण्ड- यदि कोई लाइसेंसधारी, निर्माता या लाइसेंसधारी विक्रेता या उसके द्वारा नियुक्त कर्मचारी या उसकी ओर से अधिकृत व्यक्ति निर्मित किए गए, बेचे गए या विक्रय हेतु रखे गए मादक द्रव्य में कोई औषधि या कोई विदेशी तत्त्व या रंग का तत्त्व मिलाएगा या ऐसी मिलावट को अपने पास रखेगा तो उस पर निम्न दण्ड लगाने का प्रावधान है (1) ₹300 से लेकर ₹2,000 तक अर्थदण्ड लगाया जा सकता है, या

(2) एक माह से लेकर एक वर्ष तक की सजा दी जा सकती है या दोनों का आदेश दिया जा सकता है।

10. लाइसेंसधारी द्वारा दुराचार- यदि कोई व्यक्ति जो इस अधिनियम के अंतर्गत लाइसेंस, परमिट या पास का धारक हो अथवा उसकी ओर से कार्य कर रहा कोई व्यक्ति जानबूझकर

(i) किसी आबकारी अधिकारी द्वारा माँगने पर पास, परमिट या लाइसेंस प्रस्तुत न करे।

(ii) धारा 62 के अंतर्गत बताए गए नियमों का उल्लंघन करता हो।

(iii) परमिट या पास, लाइसेंस की शर्तों या नियमों का उल्लंघन करता है तो ऐसे व्यक्ति के लिए दण्ड की व्यवस्था है।

11. कैमिस्ट की दुकान पर उपभोग की अनुमति देने पर दण्ड – कोई भी कैमिस्ट, ड्रगिस्ट या औषधालय चलाने वाला व्यक्ति ऐसे मादक द्रव्य को जो उसके कारोबार में न हो, तथा जो औषधि के रूप में प्रयोग न होता हो किसी भी व्यक्ति को उपभोग करने की अनुमति देता है जो उसके कारोबार में शामिल न हो ऐसे अपराध के लिए ₹500 से लेकर ₹4,000 तक जुर्माना किया जा सकता है या एक वर्ष कारावास की सजा हो सकती है अथवा दोनों दण्ड साथ-साथ दिये जा सकते हैं।

12. अधिकारी पर हमला करने या बाधा पहुँचाने पर-  यदि कोई व्यक्ति किसी आबकारी अधिकारी या इस अधिनियम के अधीन शक्तियों का करने वाले किसी व्यक्ति पर हमला करता या उसके शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाता है तो ऐसे अपराध के लिए ₹2,000 तक अर्थदण्ड या 2 वर्ष तक कारावास का आदेश दिए जाने या फिर दोनों ही दिए जा सकते हैं।

13. लाइसेंस विक्रेता के कानून विरुद्ध कार्य- यदि लाइसेंसधारी विक्रेता या उसके द्वारा नियुक्त कोई कर्मचारी किसी मदहोश व्यक्ति को मादक पदार्थ बेचता है या 21 वर्ष से कम आयु के पुरुष या महिला को काम पर रखता है या परिसर में नाचने-गाने, जुआ आदि गलत काम की अनुमति देता है। तो उस पर ₹ 1,000 तक अर्थदण्ड किया जा सकता है।

14. अपराध करने का प्रयास- यदि किसी व्यक्ति द्वारा कोई दण्डनीय अपराध करने का प्रयास किया जाता है तो ऐसे प्रयास के लिए भी वही दण्ड मिलेगा जो व्यक्ति को अपराध करने पर दिया जाता है। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति स्वयं अपराध न करके, अन्य किसी व्यक्ति को अपराध करने के लिए प्रेरित करे या उकसाता है तो ऐसी दशा में इस व्यक्ति को वही दण्ड मिलेगा जो किसी व्यक्ति को अपराध करने पर दिया जाता हो। अतः अपराध करने या अपराध करने का प्रयत्न करने पर समान दण्ड देने की व्यवस्था है।

15. मानवीय उपभोग के लिए अनुपयुक्त मदिरा का व्यवसाय- यदि कोई व्यक्ति मदिरा या मादक पदार्थ या विकृत स्पिरिट जो मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त हो या हानिकारक हो तथा जिससे मानव की मृत्यु हो जाती है का व्यवसाय करता है तथा जो अपने थोड़े से आर्थिक लाभ के लिए बहुमूल्य मानव जीवन से खिलवाड़ करता है तो वह दण्ड के लिए निम्न प्रकार से भागी हो

(1) मानवीय उपभोग के लिए अनुपयुक्त होने की दशा में कम से कम 2 माह एवं अधिकतम 2 वर्ष का कारावास तथा साथ में अर्थदण्ड दिया जाएगा

(2) मानव को हानि पहुँचाने की दशा में न्यूनतम 4 माह एवं अधिकतम 4 वर्ष का कारावास साथ में अर्थदण्ड शामिल है

(3) पेय पदार्थ से लोगों की मृत्यु होने की दशा में न्यूनतम 2 वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष का कारावास तथा साथ में अर्थदण्ड दिया जा सकता है।

 

 

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Ashok Kumar Gupta
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