छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत लाइसेन्स प्रदान करने की प्रक्रिया, लाइसेन्स के निलम्बन तथा समर्पण सम्बन्धी प्रावधानों को समझाइये | Explain the provisions regarding granting licence, suspension and surrender of licence under C.G. Excise.

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लाइसेंस, परमिट एवं पास के प्रावधान Provisions of Licence, Permits and Pass 

यदि कोई व्यक्ति मादक पदार्थों के विक्रय, निर्माण या व्यापार का कार्य करना चाहता है तो इसे इस अधिनियम में वर्णित शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अन्तर्गत लाइसेंस, परमिट या पास प्राप्त करना आवश्यक है। सरकार द्वारा लाइसेंस, परमिट एवं पास जारी करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि मादक पदार्थों पर आबकारी शुल्क की वसूली उचित ढंग से हो सके तथा मादक पदार्थों का नियमन एवं नियन्त्रण हो सके। छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत लाइसेंस, परमिट एवं पास प्राप्त करने हेतु निम्न प्रावधान बनाए गये हैं

I. लाइसेन्स, परमिट एवं पास के लिए शर्तें-

छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के अंतर्गत लाइसेंस परमिट या पास प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है

1. निर्धारित प्रारूप में आवेदन- राज्य सरकार द्वारा जो प्रारूप निर्धारित किया गया है उसी प्रारूप में आवेदन पत्र दिया जाना चाहिए।

2. जानकारी भरना- आवश्यक कागजात विधिवत भरकर सम्बन्धित अधिकारी को प्रस्तुत कर दिये गये हों।

3. शर्तों का पालन- ऐसी शर्तों एवं प्रतिबन्धों का पालन करना आवश्यक है जो राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में निर्धारित किये गये हो।

4. फीस का भुगतान- आवश्यक फीस का भुगतान कर दिया गया हो।

5. निश्चित अवधि- लाइसेंस, परमिट अथवा पास एक निश्चित समय के लिए ही स्वीकार किया जाता है। प्रदान किया जाता है। सामान्यतः लाइसेन्स की अवधि एक वर्ष तक होती है अर्थात् लाइसेन्स 1 अप्रैल से 31 मार्च तक ही प्रदान किया जाता है।

6. अर्थदण्ड- यदि लाइसेंस पारी अपनी दुकान के लिए निश्चित की गई देशी स्पिरिट या भारत में निर्मित विदेशी मदिरा की न्यूनतम मात्रा से कम मात्रा उठाये तो उसे कम उठाई गई मात्रा पर निर्धारित दर से अर्थदण्ड लगाया जा सकता है।

II. लाइसेंस प्राप्त करने वाले प्रमुख वर्ग

इस अधिनियम के अनुसार अनुज्ञप्ति प्राप्त करने वाले प्रमुख वर्ग अग्र प्रकार होंगे

(a) विदेशी मदिरा के फुटकर व्यापार हेतु।

(b) नीलाम रकम समायोजन पद्धति के अंतर्गत विदेशी मदिरा के फुटकर विक्रय हेतु।

(c) रेस्टोरेन्ट बार अनुज्ञप्ति

(d) होटल बार अनुज्ञप्ति

(e) किसी क्लब में विदेशी मदिरा के कब्जे एवं विक्रय हेतु अनुज्ञप्ति

(f) प्रासंगिक अनुज्ञप्ति

(g) सैनिक कैन्टीन फुटकर अनुज्ञप्ति

(h) सैनिक कैन्टीन थोक अनुज्ञप्ति

(i) सैनिक या अर्द्धसैनिक बल द्वारा संचालित क्लब अथवा मेस द्वारा विदेशी मदिरा कब्जे में रखने हेतु अनुज्ञप्ति।

(j) बोतल भरने की अनुज्ञप्ति

(k) विशेषाधिकार अनुबन्ध के अधीन विदेशी मदिरा के निर्माण तथा बॉटलिंग के लिए अनुज्ञप्ति

(l) निर्माण कर्ता की वितरण अनुज्ञप्ति

III. शराब की फुटकर दुकानों का स्थान

परिसर में शराब के उपभोग के लिए शराब की फुटकर दुकान हेतु लाइसेंस प्रदान करते समय निम्नलिखित शर्तें ध्यान में रखी जायेंगी।

(i) यदि किसी मिल या फैक्ट्री जहाँ पर बड़ी संख्या में श्रमिक कार्यरत है के पास ऐसी फुटकर दुकानें खोलने का प्रस्ताव हो तो अनुमति देने के पूर्व मिल मालिक या नियोक्ता की आपत्तियाँ सुनी जायेंगी।

(ii) शिक्षण संस्थान, धार्मिक संस्थान, अनुसूचित जाति या श्रमिकों की कॉलोनी, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रान्तीय राजमार्ग से कम से कम 50 मीटर की दूरी पर ऐसी दुकान होनी चाहिए।

(iii) दुकान की स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि प्रवेश करने वाले व्यक्ति पर तो ध्यान जा सके लेकिन ऐसी नहीं होनी चाहिए कि राह गुजरने वाले व्यक्ति का ध्यान जाये।

IV. लाइसेंस, परमिट या पास को रद्द या निलम्बित करना

छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के अंतर्गत राज्य सरकार निर्धारित प्रतिबन्धों के अन्तर्गत जारी किये लाइसेंस, परमिट या पास को निम्नलिखित परिस्थितियों में रद्द या निलम्बित कर सकती है

1. शुल्क का भुगतान न करने पर-  यदि कोई लाइसेंस धारी शुल्क का भुगतान नहीं करता तो ऐसी दशा में उसका लाइसेंस परमिट व पास रद्द किया जा सकता है या निलम्बित किया जा सकता है।

2. शर्तों को भंग करने पर- प्रत्येक लाइसेंस परमिट व पास प्राप्त करने वाले व्यक्ति को उल्लेखित शर्तों का पालन करना अनिवार्य होता है। परन्तु यदि कोई लाइसेंसधारी इन शर्तों को भंग करता है तो उसका लाइसेंस व पास रद्द किया जा सकता है या निलम्बित किया जा सकता है।

3. अपराध के दोष सिद्ध होने पर- यदि लाइसेंस परमिट व पास का धारक या उसका कोई कर्मचारी छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के अंतर्गत किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो, तो ऐसी स्थिति में धारक का लाइसेंस परमिट व पास रद्द या निलम्बित किया जा सकता है।

4. विशिष्ट अधिनियमों का उल्लंघन- यदि लाइसेंस, परमिट एवं पास का कोई भी धारक या उसका कोई कर्मचारी, राजस्व से सम्बन्धित किसी कानून; जैसे-भारतीय ट्रेड मार्क्स अधिनियम, भारतीय दण्ड संहिता, भारतीय वस्तु विक्रय अधिनियम, समुद्री सीमा अधिनियम के अन्तर्गत किसी अपराध का दोषी ठहराया गया हो या दण्डित किया गया हो तो उसका लाइसेंस परमिट एवं पास रद्द किया जा सकता है।

5. गैर-जमानतीय अपराध हेतु दोषी- यदि कोई धारक ऐसे अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो। तो जमानत योग्य न हो तो उसका लाइसेंस परमिट व पास रद्द किया जा सकता है।

6. सुनवाई का उचित अवसर- लाइसेंस, परमिट व पास को रद्द या निलम्बित करने वाले अधिकारी के लिए आवश्यक है कि वह रद्दीकरण या निलम्बन का आदेश देने की पूर्व उसके धारक को अपना पक्ष प्रस्तुत करने और उसे अपने बचाव में सफाई देने का समुचित अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। किसी भी लाइसेन्स, परमिट या पास को रद्द करने का आदेश देने से पूर्व सक्षम अधिकारी अपनी कार्यवाही के कारणों को लिखित में देगा तथा लाइसेन्सी को उसका एक संक्षिप्त विवरण देगा।

V. लाइसेन्स वापस लेना-

(1) जब अनुज्ञापन अधिकारी को लगता है कि ऐसा अनुज्ञापन वापस ले लिया जाए, जिसका कारण धारा 31 में निर्दिष्ट से भिन्न हो ऐसी स्थिति में 15 दिन की शुल्क की राशि वापस करके अनुज्ञापन की वापसी निम्न आधारों पर कर सकता है

(i) 15 दिन के नोटिस की अवधि की समाप्ति पर अथवा ऐसा करने का अभिप्राय प्रकट करने पर,

(ii) बिना नोटिस के तुरन्त प्रभाव से

(2) यदि किसी अनुज्ञापन की वापसी उपधारा (1) के वाक्य (ii) के अधीन की जाती है, उपर्युक्त अधिकारी, उपर्युक्त वर्णित राशि के अतिरिक्त, अनुज्ञापी का क्षतिपूर्ति के रूप में उतनी राशि का भुगतान करेगा जितनी कि आबकारी आयुक्त द्वारा निर्देशित की जाए।

(3) जब अनुज्ञापन की वापसी उपधारा (1) के अधीन की जाती है, अनुज्ञापी द्वारा अग्रिम रूप में जमा करायी गयी कोई फीस उसको वापस कर दी जाएगी जिसमें से सरकार को देय कोई राशि, यदि है, काट ली जाएगी।

VI. लाइसेन्स का समर्पण-

यदि कोई लाइसेन्सी जिसे इस अधिनियम के अन्तर्गत लाइसेन्स जारी किया गया है; चाहे तो जिलाधीश को लिखित में एक माह का नोटिस देकर अपना लाइसेन्स समर्पित कर सकता है, परन्तु ऐसा समर्पण करने से पूर्व उसे शेष अवधि के लिए बची फीस का भुगतान सरकार को करना होगा। यदि आबकारी आयुक्त इस बात से सन्तुष्ट है कि समुचित कारणों से लाइसेन्स का समर्पण किया जा रहा है तो ऐसी दशा में वह समर्पण पर, लाइसेन्सी द्वारा जमा धनराशि या उसका कुछ भाग वापस कर सकता है।

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Ashok Kumar Gupta
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